मुंबई : कोरोना महामारी के बीच कंपनियों ने कर्मचारियों की सैलरी घटाई है. कई लोगों को छंटनी का सामना करना पड़ा है. इसका असर अब रियल एस्टेट सेक्टर पर दिखना शुरू हो गया है. बिल्डरों और विभिन्न प्रोजेक्टों में फ्लैट बुक कराने वाले खरीदारों को इन दिनों एक नई तरह की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. बैंक अब होम लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं. बैंकों ने जिन फ्लैट खरीदारों का लोन सैंक्शन (आवंटित) किया था, उनसे आगे का लोन जारी करने के लिए दोबारा नई सैलरी स्लिप जमा करने के लिए कहा जा रहा है. उन्हें डर सता रहा है कि कंपनियों में छंटनी और वेतन कटौती से कहीं उनका लोन खतरे में न पड़ जाए. वेतन कटने या नौकरी जाने से ग्राहक लोन डिफॉल्ट कर सकते हैं.
कंपनियों में सैलरी में कटौती और व्यापक स्तर पर छंटनी के कारण बैंक पहले ही सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि उनका लोन नहीं डूबे और उन्हें लोन की ईएमआई समय पर मिलती रहे. बिल्डरों का कहना है कि उनके कई ग्राहकों ने यह शिकायत की है कि पिछले दो महीने से बैंक उन्हें लोन देने में आनाकानी कर रहा है. मुंबई स्थित एक बिल्डर ने बताया, ''कई मामले ऐसे हैं, जिनमें बैंक फ्लैट के खरीदारों को 20 फीसदी लोन पहले ही जारी कर चुके हैं. लेकिन, अब लॉकडाउन के बाद बाकी का लोन देना बंद कर दिया है.'' Source ET News
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