लाखोंच्या परिवारात सामील व्हा लखपती होण्यासाठी !

एक उस्तुकता म्हणून “सांगा आणि कमवा” या संकल्पनेत आपण सहभागी व्हा. सुरुवातीला कोणीतीही स्व:गुंतवणूक न करता “फ्री प्ल्यान” ने सुरवात करा आपल्या लखपती होण्याला ! फ्री प्ल्यान मध्ये सामील झाल्यावर आपल्याला इथे शिकायला भेटेल. म्हणून आमचे CEO चे सांगणे आहे. सामील व्हा...शिका...शिकवा आणि कमवा !

Welcome to our revolutionary concept... SANGA AANI KAMAVA. सुस्वागतम ! आमच्या आर्थिक क्रांतिकारक संकल्पनेत सांगा आणि कमवा

सांगा आणि कमवा ही संकल्पना कमाई करण्याची सोपी आणि सहज पद्धत आहे. आमच्या या संकल्पनेच्या माध्यमातून आपण रोख रक्कम, गिफ्ट व्हावचर, ऑफर कुपन्स, डिस्काउंट कुपन्स आणि बरेच काही कमवू शकता.

तुम्ही तुमच्या मित्रांच्या/नातेवाईकांच्या/सहकाऱ्यांच्या किंवा माहितीतील लोकांच्या कोणत्याही गरजा (सफल सेवा लिस्टमध्ये समाविष्ट असलेल्या ) सफलच्या माध्यमातून पूर्ण करून एक पैशा पासून ते एक लाखां पेक्षाही जास्त कमाई करू शकता.

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एमएसएमई म्हणजे काय ?

एमएसएमई म्हणजे काय ? Micro अत्यंत लहान यंत्रसामग्री किंवा उपकरणांमध्ये गुंतवणूक 1 कोटींपेक्षा जास्त नसावी आणि वार्षिक उलाढा...

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११ जून, २०२०

लोन का गारंटर बनने के क्‍या जोखिम हैं?

कोरोना महामारी के दौर में लोगों की सैलरी कट रही है. नौकरियां जा रही हैं. अर्थव्‍यवस्‍था में मंदी है. ऐसे में लोन के डिफॉल्‍ट का जोखिम भी बढ़ा है. डिफॉल्‍ट की संख्‍या पर अंकुश लगाने के लिए आरबीआई ने बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थानों से ग्राहकों को छह महीने का मोरेटोरियम (लोन की ईएमआई के भुगतान पर रोक) देने के लिए कहा है. पहले उसने मार्च से मई तक यह राहत दी थी. अब इसे बढ़ाकर अगस्‍त तक कर दिया है. जानकारों का कहना है कि इससे लोन के डिफॉल्‍ट की समस्‍या...

सैंक्‍शन होने के बाद भी नहीं दे रहे लोन !

मुंबई : कोरोना महामारी के बीच कंपनियों ने कर्मचारियों की सैलरी घटाई है. कई लोगों को छंटनी का सामना करना पड़ा है. इसका असर अब रियल एस्टेट सेक्टर पर दिखना शुरू हो गया है. बिल्डरों और विभिन्न प्रोजेक्‍टों में फ्लैट बुक कराने वाले खरीदारों को इन दिनों एक नई तरह की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. बैंक अब होम लोन देने में आनाकानी कर रहे हैं. बैंकों ने जिन फ्लैट खरीदारों का लोन सैंक्‍शन (आवंटित) किया था, उनसे आगे का लोन जारी करने के लिए दोबारा नई सैलरी...

इन बैंकों का कर्ज हुआ सस्‍ता !

मुंबई : बैंकों का कर्ज पर ब्‍याज दर घटाने का सिलसिला जारी है. अब इसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और एचडीएफसी बैंक भी शामिल हो गए हैं. इन सभी ने मार्जिनल कॉस्‍ट ऑफ फंड्स बेस्‍ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में कटौती का एलान किया है. सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा ने एमसीएलआर में 0.15 फीसदी और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने 0.10 फीसदी की कमी की है. बैंक ऑफ बड़ौदा की कटौती 12 जून और यूनियन बैंक की 11 जून से प्रभावी होगी....